"प्रशस्ति पत्र प्राप्त, सम्मानित सभी अधिकारीयों कर्मचारीयों को
बहुत बहुत बधाई"
बधाई इसलिये, की
जिन शासकीय अधिकारीयों व कर्मचारीयों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिलाधीश महोदय, विधायक महोदय, जिला पंचायत अध्यक्षा व एसपी महोदय से देश की आन_बान_शान- हमारे राष्ट्र ध्वज तले
"प्रशस्ति पत्र" प्राप्त किये हैं, मुझे उम्मीद है की उन्होने कभी
भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी नही की होगी... और अगर की है तो उस
पवित्र-मंच पर अगली बार मत चढिएगा...क्योंकी आप इस लायक नही है, अथवा भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी छोड
दिजियेगा... चाहे प्रशस्ति पत्र देने वाले हों या लेने वाले...
आहां... भ्रष्टाचार करते रहिये, यदि मन ना माने तो... मगर क्या है की राष्ट्रध्वज तले कम से कम सम्मानित हो कर समाज व आने वाली पिढी के आदर्श मत बनिये... आदर्श सिर्फ उन्हे बनना चाहीये जो वास्तव में उसके हकदार हों...
गलती से भी किसी भ्रष्टाचारी को स्वतंत्रता समारोह
के पवित्र प्रांगण में, भगत
सिंह, सुखदेव और राजगुरु के भेस में मौजुद
नन्हे मुन्ने, किशोर
बालक बालिकाओं ने सम्मानित होते देख लिया तो वे सम्मानित होने वाले भ्रष्टाचारी
को ही अपना आदर्श मान लेंगे...
उन कोमल हृद्यधारी नवांकुरों के मन में
क्या यह बात नही आयेगी की सम्मानित होना है तो " इन भ्रष्टाचारी अंकल
जैसा बनना पडेगा, क्योंकी
भगत सिंह, राजगुरु के चरीत्र को
अपनाया तो फिर मंच भारत-माता की गोद होगा और सर पर तिरंगे की जगह फांसी का फंदा... तो फिर
वह नन्हा आसान राह चुनेगा... वह अपने आदर्श शा.बा.उ.मा.वि. प्रांगण में
से तय कर लेगा, उनमे
भी उन्हे जो मंच
पर चढकर प्रशस्ति पत्र लेते हैं या देते हैं...
तो ऐसे में हम और आप क्या कर सकते हैं ?
यदि हम सम्मानित होना चाहते हैं तो भ्रष्टाचार छोड
दें.... मान
लिजिये की वह हमारी रग-रग में बस चुका है तो फिर सम्मानित होना छोड दें... थोडे
पिछे सरक जायें... उन लोगों को खोजें जो वाकई सम्मानित होने के हकदार हैं...
जो वाकई अभी भी भगत सिंह, सुखदेव,
राजगुरु, विवेकानंद व अन्य महापुरुषों जैसे हैं
थोडे थोडे... उन्हे
आगे आने
दें.. वरना आदर्श तो भ्रष्टाचारी अंकल हो जायेंगे तो , शहीदों को कोन पुछेगा फिर...
है ना.. आओ, इस स्वतंत्रता दिवस इतना तो करें...
"स्वतंत्रता
दिवस की हार्दीक बधाई व शुभकामनाएं"
आपका ~ कपिल
सिंह चौहान
+91 9407117155