04 September 2010

भगवान् के नाम पर "शैतानी" कारोबार!!!

                     आज सुबह सुबह आँख खुली,पलंग पर रखा रिमोट हाथ में आया, पॉवर आन किया तौ 'इ टी सी पंजाबी' पर कोई शो चल रहा था. मेने देखा, दो अति उत्साहित लडकियां मंच के एक और इस तरह से बैठी थी जैसे वे किसी न्यूज़ शो कि एंकर हो. कैमरा ज़ूम आउट हुआ तौ पता चला कि वो एक बाबा जी का साक्षात्कार ले रही हैं.बाबा जी का उत्साह भी उन लड़कियों से कम नहीं था. मुझे लगा ये भविष्य बता रहे होंगे, मैंने वाल्यूम  बढाया और तकिये को गोद में रख कर बैठ गया. भविष्य, ऐसा रहस्य है जिसे हर कोई जानना चाहता है. मुझे ज्योतिष पर भरोसा नहीं है पर फिर भी चैनल चेंज नहीं कर पाया.

बाबा जी बात बात में अटक रहे थे, एडिटिंग बहूत खराब थी,शो कि लाय्टिंग और भी बर्बाद. ये टीवी चैनल वाले क्वालिटी पर क्यों ध्यान नहीं देते.टेलिव्हिजन इन्दुस्ट्री का होने कि वजह से परदे पर कुछ भी देखो क्वालिटी का ख़याल एक बारगी आ ही जाता है. अरे ये क्या!! बाबाजी कह रहे थे, 'जीवन को गृह संचालित करते हैं.' एंकर ने पूछा- इन सब ग्रहों में कौन सा गृह है जो हमारी 'जीवन शैली' को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है?? बाबाजी बोले- 'शनि गृह'.ये सूर्य पुत्र हैं , काले हैं मगर सुंदर हैं, ये कर्मो का न्याय करते हैं १९ वर्ष, साड़े साती और धैय्याँ पता नही क्या क्या बोले.इसलिए इनका सभी को दर रहता है, इनका उपाय सबसे ज्यादा ज़रूरी है!
भाई लोजिक में दम था.पर फिर भी में उतना डरा नहीं. 
ये सजा कैसे देते हैं?  एंकर ने पुछा....!
"आग लग जाती है, बेटे कि मौत हो जाती है, स्त्रियों का चरित्र खराब हो जाता है, लोगो को चोर और डकैत बना देते हैं, आप से हत्या तक करवा देते हैं.बच्चे गलत संगत में पड़ जाते हैं, परिवार बर्बाद हो जाता है." बाबजी ने बताया :- 'ऐसा है, शनि महाराज का न्याय.' "भगवान् शिव तक साढ़े सात साल तक समाधी में रहे इनकी वजह से. भगवान् राम को इन्ही ने वनवास दिया."
                      मेरे मन में अचानक प्रश्न आया, और वहि प्रश्न एंकर ने भी बाबाजी से पूछ डाला."बाबाजी जब भगवान् श्री राम और भोलेनाथ स्वयं इनके प्रभाव से मुक्त नहीं रह पाए तौ हम मामूली जीवो का क्या होगा? क्या इस समस्या का कोई समाधान है? बाबाजी ने बड़ी ही मासूमियत से कहा- "समस्या है, तो समाधान भी ज़रूर होगा". यह कहते हुए बाबाजी थोडा हकलाये, मैंने सोचा, शायद दो तीन टेक तो हुए होंगे...अब तक में समझ चूका था ये टेलिशोप्पिंग का पैड अदवेर्ताईस चल रहा था,जिसमे अब लोवर  केप्शन और ऑस्टिन बैंड चालू हो चूका था. अब तक उसे एक असली साक्षात्कार का रूप देने कि कोशिश कि जा रही थी.        
                      बाबाजी ने कहा ये 'मंगल शनि कवच' पहन लीजिये आपके सभी कष्ट दूर हो जायेंगे. इसे कई जगहों के गंगा जल से शुद्ध किया  गया है, इसे अकाट्य मंत्रो के द्वारा अभिमंत्रित और प्राण प्रतिष्ठित किया गया है. जो बच्चा पड़ता नहीं है, वह पड़ने लगेगा, पति- बुरी संगत व् नशा त्याग देगा, पत्नी -सही रस्ते पर आ जाएगी, नौकरी में तरक्की होगी, व्यापार में सफलता मिलेगी, मन में अच्छे विचार आयेंगे, आप एक अच्छे इंसान बन जायेंगे .घर में रखिये, घर अनिश्चित दूर्घत्नाओ, आगजनी और चोरी डकैती से सुरक्षित रहेगा. गाड़ी में रखिये कभी दुर्घटना नहीं होगी, परिवार के सदस्य कभी बीमार नहीं होंगे,यदि किसी लम्बी बीमारी से ग्रस्त हैं तौ धारण करते ही बीमारी में राहत होगी, धारक के हर कष्ट का निवारण है ये मंगल शनि कवच.  

मुझे ख्याल आया यदि ट्राफिक डिपार्टमेंट फाईन के साथ साथ ड्रिंक एंड ड्राईव मामलो में ये कवच भी 'भेट' करे तौ एक तौ दूर्घतनाए नहीं होगी, दूसरा लोगो कि शराब कि आदत भी छूट जाएगी.

                   एक - एक करके मुझे, सभी सामयिक समस्याए याद आ गयी, अगर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार नक्सलियों के नेता के गले में यह कवच पहना दे तो वो सही रस्ते पर आ जायेगा, या और यदि नक्सली सही रस्ते पर हैं तौ यह कवच नितीश कुमार को पहना दो शायद वो सही (नक्सलियों के) रस्ते पर चले जाये. क्यों न पुलिस के हर जवान को ये 'कवच' भी दिया जाये ताकि वह नक्सलियों पर विजय हो.
                     इस शो के बीच में, अनुपम श्याम ओझा जो कि एक 'एक्टर' हैं का टेस्टीमोनिअल भी आया, कि कैसे उन्हें इस कवच पर भरोसा नहीं हो रहा था पर अपनी 'लाल' चाची के कहने पर बेमन से उन्होंने यह कवच मंगवाया और धारण किया, उसके बाद उन्हें थिएटर से फिल्म के सफ़र में जो सफलता मिली, 'उससे तो सब वाकेफ हैं ही'.
                             मैंने सोचा शाहिनी आहूजा ने यदि ये पहना होता तौ वह 'गलत' काम नहीं करता और उसका करियर ग्राफ भी और आगे बढता.

                मुझे फिर ख़याल आया यदि सारी इन्स्योरांस कंपनिया पोलिसिस के साथ साथ ये कवच भी अपने 'धारको' को दें तो उन्हें कितना मुनाफा होगा, ना कोई दुर्घटना होगी, नहीं उन पर कोई क्लेम होगा.

                    यही नहीं, ये कवच मुंबई महानगरपालिका को भी दिया जा सकता है, यदि हर बारीश के पहले वह जीर्ण शीर्ण इमारतों में रहने वाले लोगो को यह कवच बांटे तो कोई इम्मारत नहीं गिरेगी और म न पा कि किरकिरी भी नहीं होगी.
                    बात बात में हजारो के टेस्ट लिखने वाले डॉक्टर्स, ये कवच प्रिस्क्रईब करें तो रोगी एकदम फीट हो जायेंगे.
                    मुझे बड़ा दुख भी हुआ, मेने सोचा अगर भगवान् श्री राम के वक्त ये महाराज इस 'साइंतिफीक' कवच का 'आविष्कार' कर देते तो श्री राम को वनवास नहीं होता और शंकर भगवान् को साड़े सात वर्ष तक समाधी नहीं लगानी पड़ती. काश!! भगवान् शंकर कि भी कोई 'लाल चाची' होती.   

                   कचरा वाला, दरवाजा ठोक रहा था, में डस्टबिन लेने गया,      वोइस ओवर चल रहा था " यह कवच आप पा सकते हैं सिर्फ 2951/- रुपये कि 'सहयोग राशी' में . अभी आर्डर करें, कॉल नाव. 

                       अरे! मेरे खयालो में, मैं उस कम्पनी का 'टोल फ्री' नंबर तो नोट ही नहीं कर पाया. खैर!! जनहीत में बता रहा हूँ, अगर आप भी वो कवच मंगवाना चाहते हैं तो कल "इ टी सी पंजाबी पर सुबह साडे दस बजे" देखना न भूले.
                       शनि महाराज कि जय!!!