17 November 2016

ये अकेले प्रधानमंत्री मोदी के बस की बात नही है...




प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हज़ार-पांच सौ के नोटों के बंद करने की घोषणा को काले धन व भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जंग मान लिया जाये तो आज सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों में से एक होने के नाते आपकी और हमारी ज़िम्मेदारी बहुत बढ़ गई है. आज जब अपने पैसे को निकलवाने के लिये लाईन में खड़े देशवासियों में से कुछ लोगों की मौत हो गई है तो उन्हें शहीद का दर्जा तो नहीं दिया जा सकता मगर उनके बलिदान को इससे कमतर भी नहीं आंका जा सकता. आज लाईन में खड़े सभी व्यक्ति भ्रष्टाचार और कालेधन के विरुद्ध देश की सबसे बड़ी जंग की शुरुआत पर अपनी-अपनी ओर से आहुति दे रहे हैं और इस आहुति में कुछ लोगों की मौत भी हो गई है.  

अपने ही 4500/- रुपये के नोट बदलवाने के लिये इस लम्बी कतार में घंटों खड़े रहने को अपनी ज़रुरत मान कर नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस जंग में अपना योगदान मान कर खड़े होंगे  तो ही आप इस प्रक्रिया की पुनरावृत्ति होने से रोक पायेंगे. आप अपनी तरफ से प्रयास नहीं करेंगे तो देश से भ्रष्टाचार और काला धन कभी खत्म नहीं हो पायेगा.

लाईन में खड़े होने में शर्म ना करना...क्योंकि आप देश के लिये जंग लड़ रहे हैं... लाईन में खड़े होने पर आप प्रधानमंत्री को कोसेंगे और थकेंगे तो अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्टाचारियों को कोसेंगे, जिन लोगों के पास अथाह पैसा है, उन्हें कोसेंगे कि उनकी वज़ह से आज आपको अपने घुटने तोड़ने पड़ रहे हैं... घर में शादी, मासिक राशन, बच्चों की फ़ीस, बस का टिकट, माता-पिता की दवाई के लिये आपको क्या-क्या नहीं सहना पड़ रहा... ज़रूर कोसिये ज़िम्मेदारों को... और इस सुची में अपने आप को भी ज़ोड लीजिए... हां... क्या आप स्वयं को नहीं कोसेंगे...!!!? क्यों...??  क्या आप ज़िम्मेदार नहीं हैं...???

माना कि आपके पास कालाधन नहीं है, बेनामी संपत्ति नहीं है, रिश्वत का पैसा भी नहीं है...मगर इस कालेधन और भ्रष्टाचार के लिये आप भी ज़िम्मेदार हैं, हम सब ज़िम्मेदार हैं...

लाईन में खड़े-खड़े याद करें कि कैसे आपने इस काली अर्थव्यवस्था को जन्म देने और पालने पोसने में अपना योगदान दिया है... याद है, जब आपने अपनी ईमानदारी की कमाई से, अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिये छोटा सा प्लॉट खरीदा था तो उसकी रजिस्ट्री कैसे करवाई थी? कैसे आप उस दलाल और प्लॉट बेचने वाले की बातों में आ गये थे और फिर आपने 30% चेक से बाकी नकद देने की हामी भर दी थी... कुछ को यह भी याद होगा कि पिताजी की मृत्यु पर उनके नाम की ज़मीन जो स्वतः उनके नाम पर नामांतरित हो जानी चाहिये थी, उसके कैसे झट से पैंतीस हज़ार रुपये दे दिये थे तहसीलदार को...!!  अपने प्लॉट-मकान बिक्री में रजिस्ट्रारों को ऊपर से रुपया देना, ट्रैफ़िक पुलिस वाले से चालान बनवाने के बजाय रिश्वत देना, ट्रेन में जगह ना मिलने पर रिज़र्वेशन कप्म्पार्टमेंट में चढ़कर टी सी को "सेट" करके बर्थ कबाड़ना... शौचालय निर्माण किये बगैर 12,000/- रुपये पर हस्ताक्षर करके 6,000/- रुपये लेना, अपात्र हो कर भी बीपीएल राशन कार्ड बनवाने हेतु 5-7000 रुपये रिश्वत देना...

भाई साहब, आपने ही पैदा की है ये काली कमाई, देश की भी, अफसरों की भी, और उन सब की जिनके पास है ये काली कमाई... आप देते नहीं तो ये सरकारी नौकर आज बेलगाम हो साहब बनकर आपका शोषण नहीं करते...

एक और शब्द "खुशी से"... सरकारी चिकित्सालयों में आपने बेटा पैदा होने पर जो "खुशी से" पैसा बांटा था ना वो आज इतना "कंपल्सरी" हो गया कि आपको अपना ही पैसा लेने के लिये लाईन लगानी पड़ रही है... अरे, ये अफसर सरकारी कारिंदे हैं... आपकी सेवा के लिये इन्हें सरकार ने नियुक्त किया है जिसके लिये इन्हें आप ही के चुकाए टेक्स से त्ंख्वाह मिलती है... फिर आप इन्हें खुशी से क्यों रिश्वत देते हो?
घर में खुशी होने पर हिजड़ों को पैसा बांटा जाता है, क्योंकि उनका कमाई का कोई और ज़रिया नहीं है... वे आपकी खुशी में शामिल होते हैं, दुआएं देते हैं और बदले में आप उनके कुछ समय के राशन का इंतज़ाम कर देते हैं... मगर भ्रष्ट अफसरों को "खुशी से"...? अरे भई, ये अफसर हैं, शासकीय चिकित्सक हैं, बृहन्नलाएं थोड़ी ही हैं...! ढोल बजाने वाला आपके घर आपकी खुशी में "मंगल" बजा जाता है,  इसलिये आप उसे खुशी से बक्षीश दे देते हैं. ये अफसर ढोली थोड़े ही हैं...

मोदी समर्थक और उनकी पार्टी के नेता कह रहे हैं, मोदीजी देश का भ्रष्टाचार दूर करेंगे... कैसे करेंगे...? अकेले कर लेंगे...?? इन मोदी समर्थकों से पूछा है किसी ने कि ये भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ मोदी को क्या सहायता कर रहे हैं...? क्या आपके जिले में उपरोक्त वर्णित   परिस्थितियों में से एक भी परिस्थिति ऐसी नहीं है जिसमें आपको अवैध पैसा ना देना पड़ा हो...? अगर है तो आपके जिले के मोदी समर्थक क्या कर रहे हैं...?? क्या आपका जिला देश में नहीं आता... या मोदीजी किसी और देश का भ्रष्टाचार खत्म करेंगे...!!! या आप मान के चल रहे हैं कि आपके जिले में रामराज्य कायम हो चुका है...!!! मोदी चैन नहीं ले रहे तो उनके समर्थक कैसे इतने आराम से रह रहे हैं...? देश में, प्रदेश में तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, कलेक्ट्रेट, पूलिस विभाग, पंजीयन विभाग, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, निजी विद्यालय, निजी शिक्षण संस्थान, शासकीय व निजी चिकित्सालयों में काले धन की गंगा बह रही है, और ये सब आपके, हमारे या अपनों द्वारा ही संचालित हैं... सबसे मह्त्वपूर्ण समस्त राजनितीक दलों के भ्रष्ट नेताओं का भ्रष्टाचार और कालेधन की उत्पत्ती में मह्त्वपूर्ण योगदान है और उनके ईमानदार साथी उनके इस कृत्य पर हमेशा चुप्पी साध लेते हैं... ये लोग आपके लाईन में खडे होने पर आपकी सेवा सुश्रुसा करें, पानी पिलायें नाश्ता करायें तो कह देना के भ्रष्ट और बेइमानों व उनके साथीयों की मदद नही चाहिये... लाईन में खड़े-खड़े भूखे-प्यासे मर जाना, एक-दुसरे के लिये घर से पानी नाश्ता ले जाना मगर इन राजनैतिक दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं के हाथों का पानी मत पीना...   
 धर्म युद्ध में आपको अपनों से ही लड़ना होगा... पांडवों के समक्ष भी उनके भाई ही थे... लाईन में खड़े होकर सिर्फ पैसे मत लीजियेगा, एक संकल्प भी लीजियेगा... संकल्प कि मैं इस भ्रष्टाचार और कालेधन को रोकने के लिये आज के बाद किसी को रिश्वत नहीं दूंगा... सामाजिक रूप से बहिष्कार करो उस नेता का जो आपसे पैसा मांगता है... रोज़ शिकायत करो उस अफसर कि जो आपके छोटे-बड़े कामों के लिये पैसा लेता है...कोई चपरासी, अधिकारी पैसा मांगे तो उससे कहो कि नौकरी में तंख्वाह मिलने के बावजूद मांग के खाने की आदत है तो किसी चौराहे पर बैठ जाओ, तुम्हारे जीवन भर के खाने का इंतेज़ाम हो जायेगा... और उस चौक पर बैठे भिखारी को उस चपरासी की जगह नौकरी पर रखवाने के लिये आवेदन करो... हंगामा करो, उत्पात मचाओ, मीडिया को बुलाओ... मगर एक पैसा भी बेहिसाब का किसी को मत दो...    
       जब तक आप स्वयं कमर नहीं कसेंगे, आपको बार-बार, लगातार आहूति देनी होगी... क्योंकि किसी मोदी में अकेले इतनी क्षमता नहीं है कि वो आपको एक भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र और कालाधन मुक्त अर्थव्यवस्था दे सके...!!

   ~ कुंवर कपिल सिंहं चौहान